Wednesday, 30 April 2014

[www.keralites.net] Rock :~ "मैं" को आज मिटाओ श्याम..दूर -दूर रहते रहत े तो दूरी बढती जाती है

 


 
Rock :~ "मैं" को आज मिटाओ श्याम..दूर -दूर रहते रहते तो दूरी बढती जाती है...by nihal singh ji
 

 

बहुत हो चुकी आँख मिचौली , दूरी आज मिटाओ श्याम
मुझसे आकर मिलो यहाँ या, मुझको पास बुलाओ श्याम

दूर -दूर रहते रहते तो दूरी बढती जाती है
तुम तो आते नहीं तुम्हारी,यादें बहुत सताती है
दिव्य नेत्र दे दो आँखों से पर्दा ज़रा हटाओ श्याम

दूर बज रही वंशी की धुन मुझको पास बुलाती है
कभी सुनाई देती मुझको और कभी खो जाती है
आओ मेरे निकट बैठ कर वंशी आज बजाओ श्याम

भव सागर में भटक-२ कर देखा सब कुछ झूठा है
मोहन तेरी शरण में सुख है, सुख का सपना टूटा है
कृपा करो मुझपर भी अब तो, अपनी शरण लगाओ श्याम

मेरी तो अभिलाषा मोहन अब तुम में मिल जाना है
थका -थका नदिया का जल हूँ, सागर आज समाना है
सागर में मिलने दो मुझको , "मैं" को आज मिटाओ श्याम
 


 

VERY EXCELLENT REPLY BY DAUGHTER
 

A FATHER Asked His DAUGHTER:

 

Who Would U Love More, Me Or Ur Husband..??

 

The BEST Reply Given By the DAUGHTER,

 

I Don't Know Really,

 

But When I See U,

I Forget Him,

 

But When I See Him,

I Remember U..

 

U Can Always Call Ur DAUGHTER As Beta,

But U Can Never Call Ur Son As Beti..

 

That's Why DAUGHTERS are SPECIAL..

 

 "Life does not get better by Chance,

 

it gets better by Changes.


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