Wednesday, 4 May 2016

[www.keralites.net] क्या पता था की मौसम संवर जाएगा, जो जेहन में था दिल मे उतर जाएगा।

 






 
क्या पता था की मौसम संवर जाएगा,
जो जेहन में था दिल मे उतर जाएगा।

बीती बातो पे इतना परेशां न हो,
आज बीता, है कल वो गुजर जाएगा।

वक्त अगर एक शैतान बच्चे सा है,
वक्त आने पर खुद ही सुधर जाएगा।

प्यार का धागा तुमने जो तोड़ा तो फिर,
मेरा दिल मोती-मोती बिखर जाएगा।

जिंदगी एक दरिया के मानिंद है...
डूब जाएगा वो, जो ठहर जाएगा।

तुम तो खुश्बू की डिबिया हो, खुलकर जियो,
दूर तक खूबियो का असर जाएगा।










__._,_.___

Posted by: "K.G. GOPALAKRISHNAN" <kgopalakrishnan52@yahoo.in>
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