Saturday, 30 January 2016

[www.keralites.net] हमें भी दिखाओ कित ाबों की दुनिया ।

 

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बहारों के मौसम ख़िज़ाओं के झोंके,
ये गर्म और ठण्डी हवाओं के झोंके,

ये बिजली ये बादल ये बारिश की रिमझिम,
लरज़ती गरजती सदाओं के झोंके,

कहाँ तक है रंग और ख़ुशबू का आलम,
कहाँ तक है काँटों गुलाबों की दुनिया ।
हमें भी दिखा दो.…


हमें अक्ल से कोई पत्थर न समझे,
जो बदले न ऐसा मुक़द्दर न समझे,

कि हम लड़कियाँ भी बराबर हैं क़ाबिल,
हमें कोई लड़कों से कमतर न समझे,


हमें भी तमन्ना है देखें तुम्हारे,

सवालों की दुनिया जवाबों की दुनिया ।
हमें भी दिखा दो.……

अगर हमको तालीम हो जाए हासिल,
तो आगे की नस्लों को मिल जाए मंज़िल,

मिला कर तुम्हारे क़दम से क़दम हम,
करें दूर मिलजुल के आए जो मुश्किल,

नया रूप दे कर नए रंग भरकर,
बना दें इसे कामयाबों की दुनिया ।
हमें भी दिखा दो........


तुम्हारी तरह ये हमारा भी हक़ है,
हमारा भी हक़ है हमारा भी हक़ है,

हमें भी दिखाओ हमें भी दिखाओ,

हमें भी दिखाओ किताबों की दुनिया ।


www.keralites.net

__._,_.___

Posted by: "K.G. GOPALAKRISHNAN" <kgopalakrishnan52@yahoo.in>
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